अंधे कत्ल के मामले मे सरगुजा पुलिस कों मिली सफलता, मामले का आरोपी झारखण्ड से किया गया गिरफ्तार।




थाना कोतवाली एवं विशेष पुलिस टीम की सक्रियता से आरोपी कों गिरफ्तार कर की गई सख्त वैधानिक कार्यवाही।
आरोपी के निशानदेही पर घटना मे प्रयुक्त ईट  एवं घटना के दौरान पहने गये कपडे किया गया जप्त।
आरोपी के बड़े भाई का विश्वास मृतक पर होने से एवं दुकानदारी सँभालने पर आरोपी द्वारा आवेश मे आकर हत्या की घटना कों दिया गया था अंजाम।

गंभीर अपराधों मे पुलिस टीम द्वारा की जा रहे लगातार सख्त कार्यवाही।

मामले का संछिप्त विवरण इस प्रकार हैं कि प्रार्थी मनोहर यादव साकिन खजुरी थाना दरिमा द्वारा दिनांक 11/04/25 कों थाना कोतवाली आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि प्रार्थी का छोटा भाई जुगनू ऊर्फ मनबोध यादव उम्र करीब 22 वर्ष जो करीब 6-7 साल से जुगनू उर्फ़ मनबोध बिरबल यादव साकिन झंझटपारा नमनाकला अम्बिकापुर के पास रहकर कलकता फलावर दुकान में काम करता था रात को बीरबल यादव के फुल गोदाम में सोता था कि दिनाक 11/04/25 के सुबह करीब 6-00 बजे करीब प्रार्थी का चचेरा भाई गिरिजा प्रसाद को गांव के लोग बताये कि जुगनू कही गायब हो गया हैं, तब प्रार्थी अपने चचेरा भाई गिरजा प्रसाद एवं अन्य के साथ मोटर सायकल में बैठकर अम्बिकापुर नमनाकल झंझटपारा बीरबल यादव के घर जाकर देखे तो बीरबल घर में था, लेकिन प्रार्थी एवं अन्य से कुछ भी बात नही किया तब बीरबल के फुल गोदाम में जहां प्रार्थी का भाई रहता था उस कमरे में देखे तो प्रार्थी का भाई जुगनू नहीं था, कमरे मे लगा बेड के उपर रखा तकिया एवं पीले रंग का कपडा खून से सना था, बिस्तर पर दो छोटा हडडी व तीन दांत का टुकडा पड़ा हुआ था एवं कमरे मे ही खून से सना हुआ ईट का गोटा ईटा पडा हुआ था और घर के दरवाजे सहित दरवाजे के बाहर रास्ते मे भी जगह जगह खून गिरा हुआ था, तब प्रार्थी एवं उसके साथी खून की छींटो कों देखते हुए आगे जाकर देखे तो दरवाजे के करीब 7-8 मीटर दुरी पर एक बडा से नाली मे जुगनू का शव पेट के बल पानी में डुबा जैसा पडा था, थोडा से पीठ का भाग और थोडा सा दोनो पैर दिख रहा था, प्रार्थी द्वारा शंका व्यक्त किया गया हैं कि संजू यादव प्रार्थी के भाई जुगनू के चेहरे में ईट से मारकर हत्या कारित कर दिया हैं, मामले मे प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली मे अपराध क्रमांक 251/25 धारा 103(1) बी. एन. एस. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया।

दौरान विवेचना पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल निरीक्षण कर मृतक का शव कों मौक़े से निकलावकर शव पंचनामा किया गया, पुलिस टीम द्वारा मृतक के रूम से हड्डी का टुकड़ा, 03 नग टुटा हुआ दांत एवं घटना के प्रयुक्त ईट मौक़े से जप्त किया गया प्रकरण मे मृतक के भाई एवं अन्य परिजनों का कथन लेखबद्ध कर मामले के संदेही संजू यादव का पता तलाश किया जा रहा था, पुलिस टीम की सक्रियता से मामले के संदेही संजू यादव कों झारखण्ड से पकड़कर हिरासत मे लेकर पूछताछ किया गया जो आरोपी द्वारा अपना नाम *संजु उर्फ़ नंदकुमार यादव आत्मज राम प्रसाद यादव उम्र 43 वर्ष साकिन झंझटपारा नमनाकला अम्बिकापुर* का होना बताया, आरोपी से घटना के सम्बन्ध मे पूछताछ किये जाने पर घटना कारित करना स्वीकार करते हुए बताया  कि घटना दिनांक 10/04/25 कों आरोपी संजु,  जुगनू को बोला कि बड़ा भाई बिरबल तुझको ज्यादा मानता है मुझ पर विश्वास नही करता हैं, पैसा रूपया का हिसाब किताब और दुकान का हिसाब किताब भी तेरे को ही देखने बोलता है। तु यहां से भाग जा नही तो मैं तेरे को मार डालूगां हमेशा देखता हूँ कि मेरे से ज्यादा तेरे उपर विश्वास करता हूँ तब जुगनू बोला कि मै काम छोडकर कही नहीं जाउगां, तब आरोपी आवेश मे आकर मृतक के सोने के बाद बाहर से ईट लाकर मृतक के चेहरे पर वार कर हत्या कारित कर शव को घसीटते हुये रूम से बाहर निकालकर पास के बडा नाली में फेंक दिया। उसके बाद रूम में आकर जुगनू का मोबाइल पर्स को सिरहाना से निकालकर नाली के पास ले जाकर मोबाइल को कूचकर और पर्स तथा पर्स में रखा कागज आधार कार्ड, पेन कार्ड, ड्रायवरी लाइसेंस को तोडकर अंधेरा में झाडी व नाली के बीच फेक दिया। पर्स में रखा 4500 रूपया को निकालकर अपने पास रख लिया था उसके बाद पकडाने के डर से गांधी चौक दुर्गा मंदिर के पास गया वहां से डाल्टेनगंज जाने वाली बस में बैठकर डाल्टेनगंज गया वहां से ऑटो पकडकर चैनपुर अपने रिश्तेदार के घर गया। चैनपुर में पैसा कों खर्च कर दिया हूँ। आरोपी से घटना के दौरान पहना गया कपडा को जप्त किया गया हैं, आरोपी द्वारा हत्या की घटना कारित किया जाना स्वीकार किये जाने पर आरोपी के विरुद्ध अपराध सबूत पाये जाने से प्रकरण मे आरोपी कों गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जाता हैं।

सम्पूर्ण कार्यवाही मे थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनीष सिंह परिहार उप निरीक्षक सम्पत पोटाई, प्रधान आरक्षक छात्रपाल सिंह, प्रधान आरक्षक शत्रुधन सिंह, आरक्षक विवेक राय, नितिन सिन्हा, मंटूलाल गुप्ता, शिव राजवाड़े, सचिन्द्र सिन्हा, दीपक दास, लाल बाबू सिंह सक्रिय रहे।

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