एसीबी के 02 अलग-अलग प्रकरण में लोकसेवक रिश्वत लेते गिरफ्तार।




(1) जिला सूरजपुर में पटवारी रिश्वत लेते गिरफ्तार

प्रार्थी श्री मनीष जिन्दिया, निवासी वार्ड नंबर 13, नेहरू पार्क रोड सूरजपुर, जिला सूरजपुर द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो, अम्बिकापुर में शिकायत की गई थी कि उनके द्वारा अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर ग्राम नयनपुर में स्थित 0.08 हे. भूमि को क्रय किया गया है जिसका राजस्व अभिलेख में नाम दर्ज होने के उपरांत भूमि का चौदहवी बनवाने एवं भूमि का सीमांकन कराने के लिये पटवारी नयनपुर भानू सोनी से मिलने पर उनके द्वारा समस्त कार्य करने के लिये 40,000 रू. रिश्वत की मांग की गई थी। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन दौरान मोलभाव कर 20,000 रूपये में सहमति बनी। आज दिनांक 01.05.2025 को ट्रेप आयोजित कर प्रार्थी से पटवारी भानू सोनी को 20,000 रू. रिश्वत लेते रंगे हाथो पकड़ा गया।

आरोपी को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा रही है।


(2) जिला सरगुजा में संगणक एवं लेखापाल रिश्वत लेते गिरफ्तार

प्रार्थी श्री आशु रोहित खलखो द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो अम्बिकापुर में शिकायत प्रस्तुत की गई थी कि वह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खम्हरिया, तहसील उदयपुर, जिला सरगुजा में सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदस्थ है, उसके द्वारा यात्रा भत्ता राशि 20,370/- रूपये का बिल आहरण हेतु बिल प्रस्तुत किया गया था, जिसमें कार्यालय द्वारा 20,000 रू. पास किया जाकर उन्हें भुगतान प्राप्त हो चुका था किन्तु बिल भुगतान संबंधी कार्य संपादन करने वाले संगणक के पद पर पदस्थ कौशलेन्द्र प्रसाद पाण्डेय द्वारा प्रार्थी को यात्रा भत्ता भुगतान के एवज में कुल राशि का 50 प्रतिशत कमीशन के हिसाब से 10,000 रू. रिश्वत की मांग की जा रही थी तथा नहीं देने पर भविष्य में प्रस्तुत किये जाने वाले बिल को पास नहीं होने दूंगा कहकर प्रताड़ित किया जा रहा था। प्रताड़ित प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन कर आज दिनांक 01.05.2025 को ट्रेप आयोजित कर प्रार्थी से कौशलेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, संगणक एवं उनके सहयोगी नंद राम पैकरा, लेखापाल को 10,000 रू. रिश्वत लेते रंगे हाथो पकड़ा गया।

दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 एवं 12 पीसीएक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है।

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