ग्राम लिपिंगी और आश्रित ग्राम ससाकालों के मध्य बहने वाली रेड नदी में पुल नहीं होने तथा खस्ताहाल सड़क से आवागमन में ग्रामीणों को हो रही परेशानी ।



छत्तीसगढ़ में प्रदेश सरकार विकास के लाख दांवे कर ले मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है, प्रदेश में कई ऐसे ग्रामीण क्षेत्र आज भी मौजूद है जहां के लोग सड़क बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित है। सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड के आश्रित ग्राम ससकालो के ग्रामीण आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी सड़क और पुलिया जैसी सुविधाओं की बांट जोह रहे हैं। दरअसल पूरा मामला लखनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत लिपँगी के आश्रित ग्राम ससकालो का है, जहां विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित  हैं,और पंचायत मुख्यालय तक जाने के लिए 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, मगर नदी के रास्ते इनकी दूरी काफी कम हो जाती है, गर्मी और ठंड के मौसम में जैसे तैसे नदी पार कर यह पंचायत और ब्लॉक मुख्यालय तक तो पहुंच जाते हैं मगर बरसात के दिनों में ग्राम के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार कर मुख्यालय तक का सफर तय करते है, ग्रामीणों ने अपने क्षेत्र में सड़क और नदी पार करने के लिए पुल बनाने की मांग प्रशासन से की है, नदी में पुल और सड़क बन जाने से मुख्यालय पहुंचने की दूरी काफी कम हो जाएगी, आजादी के बाद से अब तक ग्राम में सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे ग्रामीणों को सड़क का लाभ कब तक मिल सकेगा यह तो देखने वाली बात होगी मगर एक बात तो साफ है कि प्रदेश सरकार के द्वारा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकास के दावे करने की हकीकत ग्राम ससकालो में दम तोड़ दी नजर आ रही है।

बरसात के दिनों में ग्रामीणों को होती है परेशानी

बरसात के मौसम में ग्राम लिपिंगी और आश्रित ग्राम ससाकालों के मध्य बहने वाली रेड नदी में पानी ज्यादा होने से बच्चों को स्कूल आने, बीमार ग्रामीणों को अस्पताल तक एंबुलेंस की उपलब्धता नहीं मिल पाने, शासकीय उचित मूल दुकान से राशन उठाने में ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नदी में पानी कम होने तीन-चार दिनों तक इंतजार करना पड़ता है जिसके बाद वह जाम जोखिम में डालकर नदी पार कर पंचायत मुख्यालय पहुंचते हैं और अपने जरूरीयात के समान लेकर जाते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *