एक राष्ट्र, एक चुनाव से होगी 5 लाख करोड़ से अधिक की बचत – शिवरतन शर्मा

अंबिकापुर में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विषय पर प्रबुद्धजन संगोष्ठी का सफल आयोजन

अम्बिकापुर ।
“एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर प्रबुद्धजन संगोष्ठी का सफल आयोजन
संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय एवं भारत विकास परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में “एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर एक दिवसीय प्रबुद्धजन संगोष्ठी का आयोजन आज अंबिकापुर स्थित पी.जी. कॉलेज ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों, प्रबुद्धजनों, छात्र-छात्राओं एवं जनप्रतिनिधियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा ने “भारत माता की जय” के उद्घोष से अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्ष 1967 तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते थे, लेकिन विभिन्न राज्यों में सरकारों के असमय विघटन के कारण यह व्यवस्था बाधित हुई। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आदर्श आचार संहिता के चलते कुल 11 महीने प्रशासनिक कार्य प्रभावित रहते हैं, और यदि सभी चुनाव एक साथ हों तो सरकार को सुचारु रूप से कार्य करने हेतु अधिक समय मिलेगा।
उन्होंने बताया कि एक राष्ट्र, एक चुनाव की व्यवस्था से लगभग 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत हो सकती है। मतदाता सूची बार-बार बनाने की आवश्यकता नहीं होगी, मतदान प्रतिशत में वृद्धि होगी, और प्रशासनिक संसाधनों की भी बचत होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एक साथ चुनाव कराने हेतु मजबूत बहुमत आवश्यक है, जिसे लेकर “400 पार” का नारा दिया गया है। उन्होंने विपक्ष द्वारा संविधान को लेकर उठाए गए संदेहों को निराधार बताया।

सांसद चिंतामणि महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव विषय पर भाजपा की पहल निश्चित ही जनहित में है। उन्होंने कहा कि भाजपा अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु निरंतर कार्य कर रही है, और यही भावना इस विषय के पीछे भी है।

संभाग प्रभारी अखिलेश सोनी ने कहा कि यह विषय वर्ष 1984 से भाजपा के घोषणापत्र में सम्मिलित है, और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मंशा है कि देश में एक समान चुनाव प्रणाली हो। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रक्रिया में व्यतीत होने वाला समय प्रशासनिक विकास को बाधित करता है।

भाजपा सरगुजा जिला अध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस की नीतियों के कारण चुनावों में असमानता आई। एक राष्ट्र, एक चुनाव व्यवस्था से न केवल समय बल्कि आर्थिक संसाधनों की भी बचत होगी, जिससे जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में तीव्रता लाई जा सकेगी।

प्रो. समन नारायण उपाध्याय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक राष्ट्र, एक विधान की अवधारणा को साकार किया है, और अब एक राष्ट्र, एक चुनाव की दिशा में कदम बढ़ाना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि भारत एक “सार्वभौम लोकतांत्रिक गणराज्य” है, और जन-जन की सहभागिता से यह संकल्प साकार हो सकता है।

कार्यक्रम के समापन अवसर पर सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। “वंदे मातरम” की मनमोहक प्रस्तुति शताक्षी वर्मा द्वारा की गई।
मंच संचालन संतोष दास एवं आभार प्रदर्शन भाजपा जिला संयोजक मधुसूदन शुक्ला द्वारा किया गया।

इस अवसर पर मेजर अनिल सिंह, ललन प्रताप सिंह, ओमप्रकाश जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती निरूपा सिंह, हरपाल सिंह भमरा, महापौर श्रीमती मंजूषा भगत, सभापति हरमिंदर सिंह टिन्नी, अभिमन्यु गुप्ता, पार्षद मनीष सिंह, प्राचार्य डॉ. आर.एन. खरे, कुलसचिव डॉ. शारदा त्रिपाठी, बृजेश पांडेय, अजय तिवारी, डॉ. अंजन सिंह, करता राम गुप्ता, दिनेश अग्रवाल, देवनाथ सिंह पैकरा, विनोद हर्ष, विकास पांडेय, निलेश सिंह, मुरारी बंसल, वैभव सिंह देव, विजय सोनी, अनिल तिवारी, श्रीमती किरण मिश्रा, श्रीमती रेवती त्रिपाठी, अभिषेक शर्मा, रुपेश दुबे, कमलेश तिवारी, मनोज कंसारी, आशीष गुप्ता, प्रबोध सिंह, अखंड विधायक सिंह, दिनेश बारी, तिलोचन सदावर्ती, राजू सिंह, प्रयाग साहू, अजय सिंह, राजेंद्र जायसवाल, कृष्ण कुमार शर्मा, मनोज सोनी, सर्वेश तिवारी, शरद सिंह, संजू वर्मा, मयंक जयसवाल, अंशुल श्रीवास्तव, अजय सोनी, श्रीमती पूनम मिश्रा, श्रीमती नलिनी पांडेय, श्रीमती श्वेता गुप्ता, श्रीमती पूजा सोनी, श्रीमती इंदु नेताम, विकास शुक्ला, सोलू सिंह, अंकित सिंह, मंटू शुक्ला, रोहित कुशवाहा, दीपक गर्ग, श्रीमती रेणु भारती, श्रीमती सरस्वती यादव, श्रीमती शालिनी सिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, बुद्धिजीवी वर्ग, छात्र-छात्राएँ एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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