
केंद्र सरकार द्वारा अपनाये जा रहे श्रमिक,वीरों किसान छोटे व्यापारी ,नौजवान, विद्यार्थी ,कर्मचारी ,अधिकारी वरिष्ठ नागरिक विरोधी नीतियों के विरोध में पूर्व घोषणा के अनुरूप दिनांक 9 जुलाई दिन बुधवार को अंबिकापुर में ट्रेड यूनियन काउंसिल की सरपरस्ती में धरना आम सभा एवं रैली आंदोलन संपन्न हुआ ।
सर्वप्रथम स्टेट बैंक कलेक्टरेट ब्रांच के समक्ष 4 घंटे का धरना एवं आम सभा कर महामहिम राष्ट्रपति को प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया गया तत्पश्चात शहर के प्रमुख मार्गों पर रैली निकाली गई एवं पुनः स्टेट बैंक कलेक्टरेट ब्रांच के समक्ष आकर आंदोलन समाप्ति की घोषणा की गई ।
आम सभा को प्रमुख रूप से अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव श्री बादल सरोज ने संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार आम जनता के साथ छल कर रही है । वह समाज के सभी वर्गों ,क्या मजदूर क्या किसान ,क्या छोटे व्यापारी, क्या कर्मचारी ,क्या नौजवान ,क्या विद्यार्थी सभी को ठग रही है ।मजदूरों द्वारा वर्षों से संघर्ष के द्वारा प्राप्त श्रम अधिकारों को समाप्त कर रही है । वह 44 श्रम कानूनो को चार श्रम संहिता में तब्दील कर श्रमिकों को गुलाम बनाने का षड्यंत्र कर रही है ।श्रम कानून में ऐसे परिवर्तन किया जा रहे हैं । जिससे कानून का पलड़ा पूंजी पतियों के पक्ष में हो जाएगा यह सब केवल पूंजी पतियों को लाभ दिलाया जाने के लिए किया जा रहा है । काम की घंटे को निर्लज्ता एवं जबरन एवं जबरन बढ़कर 12, 15 घंटे करने का कानून बनाने का षड्यंत्र किया जा रहा है । गुजरात की भाजपा सरकार ने 6 ,7 दिन पूर्व कानून बनाकर के काम के घंटे को 12 घंटे कर भी दिया है ।इसी प्रकार से यह सरकार किसानों के प्रति भी छल कर रही है ।उनकी प्रमुख मांग स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुरूप एमएसपी कानून बनाने की है इसके लिए 13 महीने किसानों द्वारा आंदोलन दिल्ली में किया गया ।आंदोलन की समाप्ति के अवसर पर सरकार ने वायदा किया था कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुरूप एमएसपी कानून बनाया जाएगा ।किंतु आंदोलन को समाप्त हुए लगभग 4 वर्ष व्यतीत होने को हैं आज तक इस संबंध में कोई कदम सरकार द्वारा नहीं उठाया गया है ।इसी प्रकार से सरकार कर्मचारियों, अधिकारियों के साथ भी छल कर रही है । प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा बंद किए गए पुराने पेंशन देने हेतु वादा किया गया था किंतु आज तक इस संबंध में कोई कदम मोदी सरकार द्वारा नहीं उठाया गया है। कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या अत्यंत न्यून कर शेष कर्मचारियों के ऊपर काम का दबाव बढ़ाया जा रहा है। काम के घंटे बढ़ा दिए गए हैं ।इसी प्रकार से नौजवानों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है और उन्हें बेरोजगारी भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है जबकि सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में कहा गया था कि वह हर साल 2 करोड़ रोजगार पैदा करेगी । यह सरकार विद्यार्थियों के साथ भी छल कर रही है शिक्षा का भगवाकरण एवं निजीकरण कर विद्यार्थियों को, खास कर गरीब विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है । व्यापार के क्षेत्र में छोटे व्यापारियों के साथ छल किया जा रहा है व्यापार के क्षेत्र में विदेशी पूंजीपतियों को प्रवेश करने का लाइसेंस दिया जा रहा है एवं ऑनलाइन व्यापार को बढ़ाकर सरकार व्यापारियों के पेट पर लात मार रही है । उन्होंने विशेष रूप से जोर देकर बताया कि मोदी सरकार पूरी तरह से ट्रंप सरकार के सामने घुटने टेक दी है और ऐसे ऐसे देश विरोधी जल विरोधी समझौते कर रही है जिस देश की संप्रभुता पर ही प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है ।
सभा को समस्त जन संगठनों यथा एम आर यूनियन जीवन बीमा कर्मचारी संघ, बीएसएनएल कर्मचारी संघ, प्रगतिशील पेंशनर संघ, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, एस एफ आई , जनवादी नौजवान सभा आदि जैसे संगठनों के नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया सभी ने सरकार की जन विरोधी नीतियों की आलोचना की तथा उनका विरोध किया
