उदयपुर में मानवाधिकार का हनन: सरकारी अस्पताल में डॉ आसराम जयंत ने मरीज व परिजनों को धक्के मारकर बाहर निकाला।

बवाल मचाते सैकड़ो लोगों के साथ पीड़ित मजदूरों ने किया हंगामा।पुलिस भी मौके पर…. जाने क्या हुआ?

उदयपुर। सरगुजा जिले के सरकारी अस्पताल में हड़कंप उस समय मच गया जब पांच साल के बच्चे का इलाज कराने पहुंचे परिजनों को धक्के मारकर अस्पताल से बाहर निकाल दिया।

मामला बीते 19/07/2025 की शाम 7 बजे आशीष दास ग्राम जजगी निवासी का 6वर्षीय बच्चा अश्विन कुमार को तेज बुखार आने पर इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर ले जाया गया जहां पर नर्स को छोड़कर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे, एक नर्स को इलाज करने बोला गया तो सिस्टर बोली अभी डॉक्टर मौजूद नहीं है मैं डॉक्टर के सलाह बगैर इलाज नहीं कर पाऊंगी।

सिस्टर से डॉक्टर के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि डॉक्टर आसाराम जयंत का ड्यूटी अभी है जो घर गए हुए हैं पता नहीं कितनी देरी में आएंगे परिजनों के द्वारा 1 घंटे इंतजार करने के बाद बच्चे का तेज बुखार देखकर डॉक्टर ए आर जयंत को साथी के द्वारा फोन से बात किया गया तो डॉक्टर जयंत ने सिस्टर से इलाज करने के लिए कहा और बार-बार फोन नहीं करने को कहा गया इतने में बच्चे का स्थिति और भी गंभीर होती जा रहा था तो डॉक्टर से फोन के माध्यम से पूछा गया कि श्रीमान कितने समय में अस्पताल में आइएगा तो डॉक्टर ए आर जयंत द्वारा मरीज के परिजनों को धमकाते हुए कहते हैं कि हम तुम्हारा नौकर नहीं है , कि जब चाहो अस्पताल पहुंच जाओ,नहीं होगा तुम्हारा इलाज और बार-बार फोन मत करना कह कर काट दिए।

तब तक अस्पताल में बैठे 2 घंटे बीत चुके थे काफी हंगामा होने के बाद डॉक्टर जयंत अस्पताल पहुंचते हैं और साथ में एक नवयुवक को भी लेकर आते हैं डॉक्टर जयंत और युवक के द्वारा इलाज के लिए आए हुए मरीज और परिजनों दुर्गा दास, पूनम बाई, कौशल्या दास और अन्य को धक्का देकर अस्पताल के बाहर निकाल दिए और बोलने लगे कि तुम लोग दिन में क्यों नहीं आए रात को इलाज करवाने आए हो इसलिए तुम्हारा इलाज नहीं होगा जो फोन किया था उसका इलाज करेंगे ऐसे कहते हुए अनाप शनाप गाली गलौज करते हुए मरीज के परिजनों को और 5 वर्ष के बच्चे को धक्का दे दिए जिससे वे गिर पड़े।

बच्चों का इलाज नहीं होने से वह डॉक्टर द्वारा बदतमीजी किए जाने के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया जिस दौरान उदयपुर नगर के भाजपा कांग्रेस के कार्यकर्ता समेत सामाजिक कार्यकर्ता भी भी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया इस दौरान मौके पर उदयपुर पुलिस की टीम भी पहुंच गई और डॉक्टर को इलाज करने के लिए कहा गया बहुत मुश्किल से डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगवाया और घर भेज दिए।

डॉक्टर ए आर जयंत के दुर्व्यवहार से पूरा उदयपुर परेशान है किसी भी मरीज से तमीज से सरकारी अस्पताल उदयपुर के डॉक्टर बात तक नहीं करते हैं। और सरकारी अस्पताल उदयपुर सिर्फ रेफर के लिए ही बनाया गया है डॉक्टर अपने मनमानी बिना समय सारणी का आते-जाते रहते हैं इसी कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है जब भी मरीज आस लगाकर सरकारी अस्पताल उदयपुर जाते हैं तो वहां डॉक्टर ही नहीं मिलते हैं इसी कारण मजबूरी में उदयपुर क्षेत्र की जनता प्राइवेट चिकित्सकों के पास जाने के लिए विवश करते हैं।

इसी को देखते हुए बच्चे के परिजनों ने उदयपुर थाना में अपनी शिकायत दर्ज कराई और बच्चे को अंबिकापुर जिला अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया गया है तब से बच्चा स्वस्थ बताया जा रहा है।

उदयपुर अस्पताल बना रेफर सेंटर।

सरकारी अस्पताल उदयपुर देखने में बड़ा बृहद अस्पताल है लेकिन यहां पर प्राथमिक उपचार के लिए मरीजों को डॉक्टर खोजने में ही परेशान रहते हैं किसी तरह डॉक्टर मिल भी जाते हैं तो बत्तमीजी करते है और अंबिकापुर रेफर कर देते हैं उदयपुर अस्पताल को सिर्फ रेफर सेंटर बना के रख दिए हैं।

बीएमओ योगेंद्र पैकरा से इस विषय को लेकर कई बार फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

सीएमएचओ डॉ पीएस मार्को..

इस विषय को लेकर डॉ पीएस मार्को से बातचीत किया गया तो उन्होंने बताया कि साल भर उनका नौकरी बचा है, शिकायत बहुत है, देख लो नहीं तो बच्चे को अंबिकापुर दिखा लो, कारण बताओ नोटिस भिजवाते है ।

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