कम उम्र में बच्चों का भविष्य हो रहा अंधकार मय, पढ़ाई छोड़ मोबाइल गेम में उलझ रहे देश के भविष्य।

पब्लिक न्यूज़ सरगुजा।


छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में एक चिंताजनक प्रवृत्ति देखने को मिल रही है। आजकल के बच्चे कम उम्र में ही पढ़ाई से मन हटाकर मोबाइल पर वीडियो गेम, खासकर Free Fire जैसे एक्शन गेम में अपना समय बर्बाद कर रहे हैं।

कक्षा 5 से लेकर 10वीं तक के छात्र, जो कभी स्कूल और किताबों में रुचि लेते थे, अब दिनभर मोबाइल में लगे रहते हैं। ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर शुरू हुई मोबाइल की आदत अब लत बन चुकी है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अभिभावक भी टेक्नोलॉजी के उपयोग से अनजान हैं, वहां बच्चे घंटों तक Free Fire, PUBG जैसे गेम खेलते नजर आ रहे हैं।

शिक्षाविदों और मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि यह आदत बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर बुरा असर डाल रही है। स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों की रोशनी, नींद की समस्या, चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी जैसे लक्षण बच्चों में दिखने लगे हैं। साथ ही पढ़ाई से दूरी उन्हें भविष्य में बेरोजगारी और तनाव की ओर ले जा सकती है।

माता पिता की भूमिका:
माता पिता को चाहिए कि वे बच्चों पर नजर रखें और समय-समय पर उन्हें मोबाइल से दूर रखकर पढ़ाई और खेल-कूद जैसी शारीरिक गतिविधियों की ओर प्रेरित उत्साहित करें। मोबाइल एक जरिया है, मगर यदि इसे समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया, तो यही एक पूरी पीढ़ी को दिशा से भटका सकता है।

सरकार और स्कूल टीचर और शिक्षा प्रशासन की जिम्मेदारी:
सरकार और स्कूल प्रशासन को भी इस विषय पर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि बच्चों को मोबाइल की लत से बचाया जा सके और उनका ध्यान फिर से शिक्षा और भविष्य निर्माण की ओर लगाया जा सके।

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