
पब्लिक न्यूज़ सरगुजा।
धौरपुर एसडीएम का तत्काल तबादला कर उनके विरुद्ध निष्पक्ष जांच कर गिरफ्तार कर दंडित किए जाने ग्राम दूंदू की जमीन हड़पने का षड्यंत्र करने वाले पूर्व विधायक भोला सिंह से साथ गांठ कर वर्तमान एसडीएम द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच एवं पूर्व विधायक भोला सिंह द्वारा ग्राम दूंदू की भूमि को हड़पने के प्रयास में ग्रामीणों के ऊपरकिए गए फर्जी मुकदमे वापस लेने और पूर्व विधायक भोला सिंह को दंडित किए जाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने धौरपुर में विशाल रैली निकाली। और प्रदेश के राज्यपाल,मुख्यमंत्री के नाम आरोपी एस डी एम धौरपुर को ही ज्ञापन सौंप डाला।
ग्राम छेरमुंडा में आदिवासी बेटी के साथ किए गए मारपीट कांड में अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तारी कर अपराधियों को दंडित करने ,क्षेत्र में धारा 170 ख के तहत आदिवासियों की हड़पी गई भूमि वापसी ,बीएनएसएस की धारा 126, 136, 170 के दुरुपयोग पर रोक लगाकर भ्रष्टाचार दूर करने, पेसा कानून (संविधान की पांचवी अनुसूची) का शक्ति से पालन सुनिश्चित करने एवं बिना ग्राम सभा एवं आदिवासियों की सहमति के बिना उनकी जमीन अधिग्रहित न न करने,फर्जी ग्राम सभा से ली गई सहमति रद्द किए जाने,परसा, केते आदिवासियों की भूमि हड़पना बंद करने हसदेव जंगल के पेड़ों की कटाई पर तत्काल रोक लगाने , परसा केते जंगल बचाओ आंदोलन के दौरान आदिवासियों, ग्रामीणों पर झूठे मुकदमे वापस लेने,जैसी मांगों को लेकर विशाल जुलूस एवं रैली का आयोजन आदिवासी एकता महासभा (आदिवासी राष्ट्रीय अधिकार मंच से संबंध) द्वारा किया गया ।रैली सरईडीह चौक से धौरपुर के मुख्य मार्गो से होते हुए तहसील कार्यालय मैदान में जाकर आम सभा के रूप में तब्दील हो गई आम सभा को आदिवासी एकता महासभा के छत्तीसगढ़ के राज्य समिति के सचिव बाल सिंहशांडिल्य, संगठन के सरगुजा जिला समिति के सचिव रामलाल हसदा, सोनू सिंह टेकाम, जिला सूरजपुर के सचिव सुरेंद्र लाल सिंह सहयोगी संगठन छत्तीसगढ़ किसान सभा के ऋषि कुमार गुप्ता , रोशन नागेश, धर्मसाई नागेश,जनवादी महिला समिति की श्रीमती मीना सिंह टेकाम आदि ने संबोधित किया एवं शासन प्रशासन को आगाह किया कि आदिवासियों, दलितों का शोषण और उन पर होने वाले अत्याचार पर तत्काल रोक लगाया जाए वरना एक दिन जनता विद्रोही हो जाएगी इसके लिए वर्तमान शासन तथा प्रशासन जिम्मेदार होंगे ।
आम सभा को प्रमुख रूप से संबोधित करते हुए आदिवासी एकता महासभा के छत्तीसगढ़ की महासचिव बाल सिंह द्वारा आदिवासियों एवं दलितों को संगठित होकर उनके विरुद्ध होने वाले अत्याचारों का प्रतिकार करने का आवाहन किया । उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में आदिवासियों की हड़पी गई भूमि वापसी का अभियान नहीं चलाया गया है जो की चलाया जाना चाहिए । श्री बाल सिंह ने आगे कहा कि पूरे देश के आदिवासियों का बुरी तरह से शोषण एवं अत्याचार किया जा रहा है उनसे दोयम दर्जे के नागरिक के तरह से व्यवहार किया जा रहा है । मनुवाद को लागू करने का भाजपा के शासन द्वारा पूरा प्रयास किया जा रहा है जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे ।उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पेसा कानून के तहत दिए गए अधिकारों का सम्मान नहीं कर रही है और फर्जी ग्राम सभा बनाकर आदिवासियों की दलितों की गरीबों की भूमि हड़पी जा रही है और अडानी अंबानी के हवाले कर उनकी संपत्ति को करोडो गुना बढ़ाया जा रहा है ।
ज्ञात हो कि कि यह आंदोलन एसडीएम हटाओ नारे के तहत हुआ । जब आंदोलनकारी राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार धौरपुर के माध्यम से ज्ञापन देने तहसील कार्यालय पहुंचे तो तहसील कार्यालय का मुख्य गेट बंद था और वहां ताला लगा था और पुलिस वाले वहां सुरक्षा में तैनात थे । तहसीलदार के नहीं होने के करण स्वयं एसडीम जिनके विरुद्ध आदिवासी आरोप लगा रहे हैं वही स्वयं विज्ञापन लेने तहसील गेट के बाहर पहुंचे । यह देख आंदोलनकारी को सहसा विश्वास नहीं हुआ किंतु वहां ड्यूटी पर तैनात पुलिस वालों के बताए जाने पर कि यही एसडीएम हैं । लोगों को विश्वास करना पड़ा तब आंदोलनकारियों ने कहा कि अपने विरुद्ध क्या आप ही ज्ञापन लेंगे तो उन्होंने कहा क्या करें हम ही को ज्ञापन लेना होगा क्योंकि और कोई अधिकारी नहीं हैं इस पर आंदोलनकारी द्वारा अविश्वास जताया गया कि आपके विरुद्ध ही यहां आंदोलन है तो पता नहीं आप इस मांग पत्र को राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को प्रेषित करेंगे या नहीं….. इस पर उन्होंने विश्वास दिलाया कि मैं इसे अवश्य प्रेषित करूंगा भले इसमें मेरे ही विरुद्ध जांच की मांग की गई है । इस पर एक आदिवासी नेता ने तंज कसा कि कहीं आप ही तो नहीं अपने विरुद्ध जांच भी करने लगेंगे इस पर माहौल जिसमें की तनाव था वह बदलकर सामान्य हो गया । ज्ञात हो कि रैली,धरना एवं ज्ञापन के समय तक है झमाझम बारिश होती रही आंदोलनकारी भीगते रहे ।