एसीबी के 02 अलग-अलग प्रकरण में लोकसेवक रिश्वत लेते गिरफ्तार

  1. सूरजपुर जिले के मां महामाया शक्कर कारखाने में असिस्टेंट इंजीनियर रिश्वत लेते गिरफ्तार।

प्रार्थी श्री प्रदीप कुमार, निवासी ग्राम पोड़िपा, तहसील लटोरी, जिला सूरजपूर द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो, अम्बिकापुर में शिकायत की गई थी कि उसकी संविदा नियुक्ति वर्ष 2024 में मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित केरता, जिला सूरजपुर में डी.सी. ड्राईव ऑपरेटर के पद पर हुई थी। नियुक्ति पश्चात् चंदू राम नायक, असिस्टेंट इंजीनियर (प्रभारी चीफ इंजीनियर मशीनरी) द्वारा कॉशन मनी के नाम पर लाख रूपये ले लिया गया था, जिसका कोई रसीद या प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था। एक वर्ष के पश्चात् पुनः उनके द्वारा यथावत् बने रहने हेतु 1 लाख रूपये की मांग की जाने लगी, मना करने पर नौकरी से निकाल देने की धमकी दी गई और दिनांक 08.09.2025 को नौकरी से निकाल भी दिया गया। प्रार्थी द्वारा कुछ दिन बाद आरोपी चंदू राम नायक से निवेदन करने पर नौकरी पर पुनः नियुक्ति करवाने के लिये 1 लाख रूपये रिश्वत की मांग की गई। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन पश्चात् आज दिनांक 10.10.2025 को ट्रेप आयोजित कर प्रार्थी से चंदू राम नायक को प्रथम किश्त के रूप में 50,000 रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।

आरोपी को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा रही है।

आरोपी चंदू राम नायक

  1. जिला बिलासपुर में आदिम जाति विकास विभाग का बाबू रिश्वत लेते गिरफ्तार

प्रार्थी अभिलाष बर्मन, निवासी ग्राम निपनिया द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो, बिलासपुर में शिकायत की गई थी कि वह अनुसूचित जाति का है तथा उसके द्वारा अन्य समाज की लड़की से अंतर्जातीय विवाह किया गया था। अंतर्जातीय विवाह करने पर शासन की तरफ से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि 2.5 लाख रुपए को दिलाने के एवज में आदिम जाति विकास विभाग बिलासपुर में पदस्थ बाबू मनोज तोनडेकर द्वारा 10,000 रुपए रिश्वत की मांग की जा रही है। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन पश्चात् आज दिनांक 10.10.2025 को ट्रेप आयोजित कर प्रार्थी से बाबू मनोज तोनडेकर को 10,000 रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।

आरोपी को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा रही है।

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