जिला सक्ती में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) डभरा रिश्वत लेते गिरफ्तार।


उमेश कुमार चंद्रा, निवासी डभरा, जिला सक्ती द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो, बिलासपुर में शिकायत की गई थी कि वह ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर कार्यालय डभरा, जिला सक्ती में बाबू के पद पर पदस्थ है। उसकी यात्रा भत्ता बिल राशि के भुगतान के एवज में डमरा के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) राजेन्द्र कुमार पटेल द्वारा 32,500 रुपये रिश्वत की मांग की गई थी, जिसमें से 16,500 रूपये एडवांस के रूप में ले लिया गया था। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन के दौरान मोलभाव कर 15,000 रूपये और लेने के लिये आरोपी सहमत हुआ। आज दिनांक 17.10.2025 को ट्रेप आयोजित कर आरोपी राजेंद्र कुमार पटेल, बीएमओ, डमरा को प्रार्थी से दूसरी किश्त के रूप में 15,000 रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।

आरोपी को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा रही है।

आरोपी राजेन्द्र कुमार पटेल

2. जिला कोरिया में थाना पटना का ए.एस.आई. रिश्वत लेते गिरफ्तार

प्रार्थी मो. शाह खान, निवासी ग्राम खोड़, तहसील पटना, जिला-कोरिया द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो, अंबिकापुर में शिकायत की गई थी कि उसकी छोटी बेटी आशिया नाज को अश्वनी कुमार उर्फ पिन्टू निवासी ग्राम खोड़ ने अपने मोटर सायकल से एक्सीडेंट कर दिया था जिससे उसकी बेटी आशिया का पैर टूट गया था। उसके द्वारा दिनांक 27.09.2025 को थाना पटना में एफ.आई.आर. दर्ज कराया गया था। रिपोर्ट दर्ज कराने पश्चात् पुलिस सहायता केन्द्र पण्डोपारा, थाना पटना के ए.एस.आई. विवेचक पी. टोप्पो से मुलाकात करने पर अंतिम रिपोर्ट तैयार करने तथा आरोपी से ईलाज का खर्चा दिलवाने के नाम पर 10,000 रूपये रिश्वत की मांग की गई थी। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन के दौरान आरोपी पी. टोप्पो द्वारा 10,000 की जगह 15000 रूपये की मांग करने लगा, जिसमें से 3000 रूपये एडवांस के रूप में ले लिया गया। आज दिनांक 17.10.2025 को ट्रेप आयोजित कर आरोपी ए.एस.आई. पी. टोप्पो एवं उसके सहायक (निजी व्यक्ति) राजू कुमार देवांगन को प्रार्थी से दूसरी किश्त के रूप में 12,000 रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।

दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 एवं 12 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा रही है।

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